Silhouettes of a wedding couple standing on evening field

Sexual Health: परफॉर्मेंस एंग्जाइटी और सेक्शुअल डिसऑर्डर के चलते आ जाती है तलाक की नौबत

परफॉर्मेंस एंग्जाइटी एक ऐसी समस्या है, जिससे आमतौर पर न्यूली मैरिड और अनमैरिड यंगस्टर्स ग्रसित होते हैं। यह एंग्जाइटी लड़कों और लड़कियों दोनों में ही होती है। इस कारण ये अपनी Sexual Life को लेकर एक अनजाने डर से घिरे रहते हैं।

Sexual Performance Anxiety सेक्स लाइफ में अपने पार्टनर को संतुष्ट ना कर पाने के डर की वजह से हावी होती है। यह एक मानसिक स्थिति होती है, जिसका ज्यादातर केसेज में वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता है। जबकि जो लोग इससे पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह दुनिया की सबसे बड़ी मुसीबत की तरह होती है, जो उनकी पर्सनल लाइफ को बुरी तरह प्रभावित कर रही होती है…

क्यों होती है सेक्शुअल परफॉर्मेंस एंग्जाइटी?

हर व्यक्ति में परफॉर्मेंस एंग्जाइटी की वजह अलग-अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए जो लड़के पोर्न साइट्स देखते हैं और लंबे समय से रेग्युलरली मास्टरबेट कर रहे होते हैं, उनमें फैंटसी में खो जाने की दिक्कत देखने को मिलती है। जबकि लड़कियों में आमतौर पर इसकी वजह इंटरकोर्स के दौरान होनेवाले दर्द का डर होता है।
फैंटसी और परफॉर्मेंस एंग्जाइटी का संबंध
जब किसी व्यक्ति को पोर्न साइट्स का अडिक्शन हो जाता है तो वह अपनी रियल लाइफ में भी उन ऐक्ट्स को इमेजिन करने लगता है। ऐसे में जब वे बेड पर होते हैं तो उनकी फैंटसी उनके ऐक्ट से कहीं आगे चल रही होती है। इससे उन्हें इरेक्शन और इजैक्युलेशन की दिक्कत हो जाती है।

इरेक्शन और इजैक्युलेशन

फैंटसी यानी कल्पनाओं में तेज गति से भागने के कारण आमतौर पर परफॉर्मेंस एंग्जाइटी के शिकार लड़कों को इरेक्शन संबंधी दिक्कत होती है। यह दिक्कत मुख्य रूप से तीन तरह की होती है। एक- इरेक्शन ना होना, दो- बहुत कम समय के लिए इरेक्शन होना, तीन- इंटरकोर्स से पहले
इजैक्युलेट हो जाना।

लड़कियों में होती है यह दिक्कत

आमतौर पर परफॉर्मेंस एंग्जाटी की शिकार गर्ल्स में वजीनिसमस (vaginismus) की समस्या देखने को मिलती है। इनके मन में यह डर रहता है कि इंटरकोर्स के दौरान इन्हें बहुत अधिक दर्द होनेवाला है। इस कारण ऐक्ट से पहले ही साइकॉलजिकल इफेक्ट के कारण इनकी वजाइनल मसल्स बहुत अधिक टाइट हो जाती हैं।

परफॉर्मेंस पर ऐसे होता है असर

.
क्योंकि लड़कों में फैंटसी की दिक्कत होती है, इस कारण इनिशिएट करते वक्त वह 100 प्रतिशत पार्टनर के साथ नहीं रह पाते हैं। लड़की को वजीनिसमस (vaginismus) की दिक्कत होती है तो वह चाहकर भी सपॉर्ट नहीं कर पाती। ऐसे में सेक्शुअल सेटिस्फेशन ना मिलने के कारण कपल के बीच इरिटेशन बढ़ने लगता है।

रिश्ते में आने लगती है दरार

सेक्शुअल सेटिस्फेशन के अभाव में इंटर पर्सनल रिलेशनशिप खराब हो जाते हैं। इसका असर कपल के बीच बढ़ती दूरी के रूप में सामने आता है। इनका मूड खराब रहने लगता है। एकाग्रता की कमी हो सकती है। इससे प्रॉडक्टिविटी कम होती है और प्रफेशनल लाइफ पर भी असर पड़ने लगता है।
डिप्रेशन की तरफ बढ़ना
क तरफ तो परफॉर्मेंस एंग्जाइटी के कारण कपल के बीच तनाव चल रहा होता है। वहीं दूसरी तरफ परिवार और रिश्तेदार बच्चे के लिए दबाव बनाने लगते हैं। ऐसे में लड़के और लड़की दोनों पर ही यह मानसिक दबाव और बढ़ जाता है कि उन्हें बच्चा भी पैदा करना है। हर तरफ से होनेवाला तनाव उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की तरफ धकेलने लगता है।
कोशिश नहीं आती काम
ऐसा नहीं है कि परफॉर्मेंस एंग्जाइटी से गुजर रहे लोग इससे बाहर आने की कोशिश नहीं करते। लेकिन पिछले अनुभव उनके अवचेतन मन पर इस कदर हावी रहते हैं कि वे चाहकर भी अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। दिक्कत चाहे दोनों लोगों में हो या किसी एक में, कई बार यह समस्या डिवोर्स की नौबत तक पहुंच जाती है।
क्या हैं समाधान?
परफॉर्मेंस एंग्जाइटी या सेक्शुअल डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को सायकॉलजिकल ट्रीटमेंट और ऐंटीएंग्जाइटी मेडिसिन्स की जरूरत होती है। यह समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है, बस पेशंट को सही गाइडेंस और ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। इस दौरान जरूरी होने पर दोनों ही कपल का बायोलॉजिकल चेकअप किया जाता है, काउंसलिंग की जाती है और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर काम किया जाता है।

डिप्रेशन की तरफ बढ़ना

एक तरफ तो परफॉर्मेंस एंग्जाइटी के कारण कपल के बीच तनाव चल रहा होता है। वहीं दूसरी तरफ परिवार और रिश्तेदार बच्चे के लिए दबाव बनाने लगते हैं। ऐसे में लड़के और लड़की दोनों पर ही यह मानसिक दबाव और बढ़ जाता है कि उन्हें बच्चा भी पैदा करना है। हर तरफ से होनेवाला तनाव उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की तरफ धकेलने लगता है।

कोशिश नहीं आती काम

ऐसा नहीं है कि परफॉर्मेंस एंग्जाइटी से गुजर रहे लोग इससे बाहर आने की कोशिश नहीं करते। लेकिन पिछले अनुभव उनके अवचेतन मन पर इस कदर हावी रहते हैं कि वे चाहकर भी अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। दिक्कत चाहे दोनों लोगों में हो या किसी एक में, कई बार यह समस्या डिवोर्स की नौबत तक पहुंच जाती है।

क्या हैं समाधान?

परफॉर्मेंस एंग्जाइटी या सेक्शुअल डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को सायकॉलजिकल ट्रीटमेंट और ऐंटीएंग्जाइटी मेडिसिन्स की जरूरत होती है। यह समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है, बस पेशंट को सही गाइडेंस और ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। इस दौरान जरूरी होने पर दोनों ही कपल का बायोलॉजिकल चेकअप किया जाता है, काउंसलिंग की जाती है और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर काम किया जाता है।